तेरी बेवफाई I Teri Bewai I हिंदी भावनिक कविता

गले से लगाये थे 
तेरे सारे गम 
तेरी बेवफाई का 
असर है अब कम

तू तो भुली सारी 
क़समें जो खायी 
दिल पे गमों की 
उदासी थी छाई  
मर ही जाते गर 
सहते ना गम
तेरी बेवफाई का 
असर है अब कम  

माना के निकली 
थी तू हरजाई  
यादों ने तेरी 
वफायें निभाईं 
यादों का जहर पुरा
पी गये है हम  
तेरी बेवफाई का 
असर है अब कम

जुदाई में तेरी 
रातें थी रोयी  
यादों से तेरी 
निंदे थी खोयी 
संभलते नही ख़ुद तो 
निकल जाता दम  
तेरी बेवफाई का 
असर है अब कम  

बड़े ही हसीन थे 
गुजरे हुए दिन
जी रहे खुशी से 
अब तुम्हारे बिन 
बिती यादों से कभी 
आँखे होती है नम
तेरी बेवफाई का 
असर है अब कम

रचना – डॉ सुभाष कटकदौंड, खोपोली 

About drsubhash27

Doctor...Great Fan of Mukesh. My Inspiration is my cute Daughter Anuja.
This entry was posted in हिंदी कविता / Hindi Poems and tagged , , , , , . Bookmark the permalink.

1 Response to तेरी बेवफाई I Teri Bewai I हिंदी भावनिक कविता

Leave a comment