तुम्हारी यादें… I Tumhari Yaden I Poem in Hindi

तुम्हारी सारी यादें 
छुपी है दिल में कहीं 
माना कि पहले जैसा 
दिल अब धडकता नहीं

निकले झूठे सारे तेरे 
साथ देने के वादे 
बहोत देर से जानें मैंने 
बेवफा तेरे वो इरादे 
तेरे सामने टूटा दिल मेरा 
और तू बस देखती रही 
माना कि पहले जैसा 
दिल अब धडकता नहीं

वो पहली मुलाकात 
वो तेरा शरमाना 
तेरी वो कातिल निगाहें 
और मेरा घबराना 
मेरे घायल दिल में 
तू तो बस गयी थी वहीं
माना कि पहले जैसा 
दिल अब धडकता नहीं

याद आती रही मुझे 
तुम्हारी वो प्यारी बातें 
तुम्हारे खयालों में 
गुजरती है अब रातें 
तू नहीं तो अब तेरी 
हसीन यादें ही सही 
माना कि पहले जैसा 
दिल अब धडकता नहीं

डाॅ. सुभाष कटकदौंड – खोपोली 

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